
Desire Disorder Treatment
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यौन इच्छा विकार की धारणा:
हेलो फ्रेंड्स, दुबे क्लिनिक में आपका स्वागत है। जैसा कि हम सभी जानते है कामुकता एक प्राकृतिक घटना है जिसे प्रभावित करने वाले कारको को गुप्त व यौन रोग की श्रेणी में रखा जाता है। वैसे तो, पुरुषों या महिलाओं में होने वाले गुप्त व यौन रोग को विभिन्न स्वरूपों में वर्गीकृत किया जाता है जो अलग-अलग चरणों में उनके यौन जीवन व क्रियाकलाप को प्रभावित करते हैं। दुनिया भर में सेक्सोलॉजी मेडिकल साइंस संस्थानों के एक सर्वेक्षण के अनुसार, आमतौर पर, 40-45% महिलाएं और 30-35% पुरुष हमेशा किसी न किसी हद तक अपने जीवन में इस गुप्त व यौन रोग या विकार की शिकायत करते हैं। जब व्यक्ति के यौन जीवन में किसी भी तरह के समन्वय की कमी होती है तो उनके जीवन में यौन विकार का आगमन हो जाता है। मूलरूप से, यौन विकार को 4 भागों में विभक्त किया जाता हैं जो पुरुषों और महिलाओं के यौन जीवन को पूरी तरह प्रभावित करते हैं।
यौन विकारों के प्रकार को नीचे सूचीबद्ध किया गया है:
- यौन इच्छा विकार (एसडीडी)
- यौन संभोग विकार (एसओडी)
- यौन उत्तेजना विकार (एसएडी)
- यौन दर्द विकार (एसपीडी)
कामेच्छा में कमी के बारे में संक्षिप्त जानकारी:
आम तौर पर, व्यक्ति के यौन जीवन में कामेच्छा में कमी का आना जो कि एक प्रकार का गुप्त व यौन रोग की श्रेणी में रखा जाता है, अन्य यौन रोगों की तुलना में इसे कम आंका जाता है। लेकिन यह पुरुषों और महिलाओं में होने वाला सबसे आम यौन समस्याओं में से एक है जो उनके पूरे जीवन को प्रभावित करती है। क्या आपने कभी सोचा है कि किसी व्यक्ति को अपने यौन जीवन में कामेच्छा में कमी क्यों महसूस होती है? अगर आप इस यौन समस्या के कारणों के बारे में जानते हैं तो अच्छी बात है, आपको इस यौन समस्या को सुधारने में मदद मिलेगी। अगर आप इस यौन समस्या के बारे में नहीं जानते हैं तो आपको इस पर विचार करने की आवश्यता है क्योंकि यह एक उपचार योग्य स्थिति है जहाँ व्यक्ति इसे एक निश्चित उपचार अवधि के बाद इस समस्या को सुधार सकता है।
कामेच्छा में कमी क्या है?
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे, जो कि भारत के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, कहते हैं कि कामेच्छा में कमी का होना एक ऐसी स्थिति है जहाँ व्यक्ति में यौन क्रियाकलापों के लिए इच्छा, विचार, या भावना में कमी होती है और उसका रुझान कामेच्छा के प्रति निष्क्रिय होने लगती है। उसका यौन कार्य इस यौन जीवन में योगदान देने के लिए सक्रिय नहीं होता है। कभी-कभी, व्यक्ति अपनी कामुकता के बारे में सोचकर, अपने यौन विचारों और भावनाओं से भी जूझता है। इस यौन समस्या के कारण, व्यक्ति अपने यौन चक्र पूरी घटना को पूरा करने में हमेशा विफल रहता है।
वे आगे बताते है कि व्यक्ति में कामेच्छा में कमी कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि चिंता, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, रिश्तों की समस्याएँ और अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियाँ। यहाँ, कामेच्छा में इस कमी के उपचार के लिए मूल कारण को संबोधित करना महत्वपूर्ण होता है। सामान्य रूप से देखा जाय तो, व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, और जीवनशैली हमेशा उनके यौन जीवन के लिए मायने रखता है।
व्यक्ति में यौन इच्छा संबंधी विकार होने के सामान्य कारण:
दरअसल, किसी व्यक्ति की कामेच्छा में कमी आने के कई कारण हो सकते हैं। आम जीवन में जब कोई व्यक्ति इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (स्तंभन दोष) से जूझता है, तो उसकी कामेच्छा में कमी आ जाती है। समय से पहले स्खलन (शीघ्रपतन) की स्थिति में भी व्यक्ति कामेच्छा में कमी की स्थिति का सामना करना पड़ता है। जब कोई व्यक्ति किसी तरह की यौन समस्याओं जैसे कि पेनाइल इंफेक्शन, स्खलन विकार या संस्कृति-आधारित सिंड्रोम से पीड़ित होता है, तो ज्यादातर मामलो में देखा गया है कि वह कामेच्छा में उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है। यौन हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) में असंतुलन के कारण भी व्यक्ति में कामेच्छा कम हो जाती है।
- तनाव और चिंता
- क्रोनिक डिप्रेशन
- रिलेशनशिप समस्याएं
- नींद संबंधी विकार
- हार्मोनल असंतुलन
- चिकित्सा स्थितियां
- यौन विकार
- दवाओं के दुष्प्रभाव
- बुढ़ापा (उम्र का बढ़ना)
- तंत्रिका संबंधी विकार
- असंतुलित आहार
कामेच्छा की कमी को प्राकृतिक रूप से कैसे सुधारें:
भारत के इस सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट का कहना है कि शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, पारिवारिक जिम्मेदारी, वित्तीय तनाव, चिकित्सा स्थितियां, हार्मोनल असंतुलन, यौन विकार और जीवनशैली ये सारे ऐसे कारक हैं जो हमेशा व्यक्ति में कामेच्छा को प्रभावित करते हैं। चूंकि कामुकता और यौन इच्छा प्राकृतिक घटनाएं हैं, इसलिए कामुकता विकारों के लिए सही उपचार प्राकृतिक, पारंपरिक और गुणात्मक होना चाहिए। इस स्थिति में, केवल आयुर्वेद के पास प्राकृतिक उपचार प्रदान करने का सही विधि है जो शरीर में सभी दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करता है। यह भारत में चिकित्सा की एक पारंपरिक प्रणाली है, जो सभी दवाओं का मूल व आधार भी है।
अश्वगंधा, मैका, ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस, जिन्कगो बिलोबा और हॉर्नी गोट वीड जैसे कुछ हर्बल उपचार व्यक्ति में कामेच्छा की समस्याओं को सुधारने में सहायक होते हैं। सबसे पहले तो यह हर्बल उपचार व्यक्ति में तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है, ताकि हार्मोन को संतुलित किया जा सके और संभावित रूप से कामेच्छा को बढ़ाया जा सके। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन इच्छा को समृद्ध करने में मदद करता है। साक्ष्य-आधारित चिकित्सकीय रूप से सिद्ध आयुर्वेदिक दवा प्राकृतिक तरीके से यौन समस्याओं और समग्र स्वास्थ्य से निपटने में मदद करती है। यह इरेक्शन की समस्याओं को सुधारने में भी मदद करता है।
डॉ. सुनील दुबे सभी गुप्त व यौन रोगियों को अपने आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार का पारंपरिक और आधुनिक संयोजन गुण प्रदान करते हैं जो प्राकृतिक तरीके से उनकी यौन समस्याओं से निपटने में सहायक होता है। इस मामले में, वह कामेच्छा में सुधार के लिए हार्मोन संतुलन चिकित्सा भी प्रदान करते हैं। आयुर्वेदिक उपचार के लिए यौन रोगों पर उनका शोध भी सफल रहा है, इसीलिए; वह अपनी विशिष्ट चिकित्सकीय रूप से सिद्ध आयुर्वेदिक दवा (गुणात्मक भस्म, जड़ी-बूटियाँ, तेल, प्राकृतिक गोलियाँ और प्राकृतिक चिकित्सा) प्रदान करते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि आयुर्वेद आहार, व्यायाम, योग, तनाव से राहत और जीवनशैली में बदलाव पर ध्यान केंद्रित करता है। यौन परामर्श सत्रों के दौरान, वह संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधि, योग, ध्यान, गुणवत्ता वाली नींद, तनाव प्रबंधन तकनीक, गहरी साँस लेने और रिश्ते के मुद्दों पर भी चर्चा करते हैं।