gupt rog ka illaz
Gupt Rog Visheshagya, Dr. Sunil Dubey- Gupt Rog ka Illaz
दुबे क्लिनिक उन तमाम लोगों का स्वागत करता है जो यौन रोग को प्राकृतिक उपचार के माध्यम से हमेशा के लिए खत्म करना चाहते है। आज का यह टॉपिक बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योकि इस टॉपिक में गुप्त रोग के संपूर्ण व्याख्या (कारण, लक्षण, और समाधान) स्वयं विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य व भारत के सीनियर यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील दुबे ने किया है। वह भारत के एकलौते ऐसे सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर है जिन्हे गोल्ड मैडल और भारत गौरव का सम्मान एक साथ मिला है।
बातचीत की शुरुआत गुप्त रोग से होती है हो जाहिर सी बात है सवर्प्रथम हम इसके बारे में पूर्ण जानकारी लेंगे।
गुप्त रोग क्या है और यह किसी भी व्यक्ति को कैसे होता है?
गुप्त रोग का शाब्दिक अर्थ होता है "गुप्त बीमारी" इस अवधारणा के प्रमाण अन्तर्निहित है जो भारतीय संस्कृति के रूप में प्रदर्शित करती है, जिसका सीधा सम्बन्ध शरीर के गुप्त भागो से सम्बंधित है।
गुप्त रोग जिसे की यौन रोग भी कहा जाता है, एक प्रकार का यौन क्रिया में इच्छा या आनंद का शत्रु है। यह रोग किसी भी पुरुष या महिला को हो सकता है। मुख्यतः यौन संपर्क में आने से यौन रोग की संभावना प्रबल होती है।
हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ सुनील दुबे, दुबे क्लिनिक के निर्देशक कहते है कि यौन रोग किसी भी व्यक्ति को तब होता है जब वह अपने प्राइवेट पार्ट्स को सही से साफ़-सफाई नहीं करता, इन्फेक्शन वाले रोगी के संपर्क में आने से भी या उसके लार से, स्किन, ब्लड, सीमेन, इत्यादि के संपर्क में आने से यौन संचारित रोग हो सकते है।
मौखिक, गुदा, या जननांग यौन सहित यौन संपर्क, जीवाणुओं को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने (संचारित होने) का अवसर देते है क्योंकि इसमें शरीर के फ़्लूड का स्थानांतरण शामिल होता है। कुछ संक्रमण जो यौन संपर्क जैसे कि चुंबन या शरीर के करीबी संपर्क के माध्यम से भी फैल सकते हैं। यौन संचारित संक्रमण सापेक्ष रूप से आम घटना हैं।
किसी भी रोग के चार मुख्य प्रकार होते हैं जिनमे संक्रामक रोग, कमी से होने वाले रोग, वंशानुगत रोग (आनुवंशिक और गैर-आनुवंशिक दोनों वंशानुगत रोगों सहित), और शारीरिक रोग शामिल है। रोगों को अन्य तरीकों से भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे संचारी बनाम गैर-संचारी रोग।
गुप्त रोग के लक्षण:
विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे का कहना है कि यौन रोग के लक्षणों में मुख्य रूप से पुरुषों और महिलाओं को अपने प्राइवेट पार्ट में समस्या का सामना करना पड़ता है।
पुरुषों में गुप्त रोग के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं :
- लिंग से स्राव।
- लिंग के अंदर खुजली या जलन।
- मूत्र त्याग करने में दर्द।
महिलाओं में गुप्त रोग के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं :
- साफ़, सफ़ेद, हरा या पीला योनि स्राव।
- योनि से तेज़ गंध आना।
- योनि में खुजली या जलन।
- संभोग के दौरान दर्द।
- मूत्र त्याग करने में दर्द।
पुरुषों में होने वाले यौन रोग:
डॉ. सुनील दुबे जो कि भारत के शीर्ष नंबर के सीनियर यौन रोग विशेषज्ञ एवं पटना के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट है ने कहा कि पुरुष मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के यौन रोग से पीड़ित होते है। यौन रोग न केवल एक पुरुष के दैनिक जीवन को प्रभावित करता है बल्कि उसके परिवारिक जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित होती है। आज के समय में 40% पुरुष यौन रोग से पीड़ित है जबकि महिलाओं की प्रतिशत तो पुरुषो से भी ज्यादा है।
आज के समय में पुरुष निम्नलिखित यौन रोग से पीड़ित हो रहे है:-
- स्तंभन दोष (10 में से एक व्यक्ति पीड़ित)
- शीघ्रपतन (10 में से पांच व्यक्ति पीड़ित)
- धात सिंड्रोम (10 में से नौ व्यक्ति पीड़ित)
- स्वप्नदोष (10 में से पांच व्यक्ति पीड़ित)
- विलंबित स्खलन (10 में से एक व्यक्ति पीड़ित)
- कम यौन सहनशक्ति (10 में से पांच व्यक्ति पीड़ित)
- कम कामेच्छा (10 में से तीन व्यक्ति पीड़ित)
- यौन कमजोरी (10 में से तीन व्यक्ति पीड़ित)
महिलाओं में होने वाले यौन रोग:
प्रकृति के नियमानुसार पुरुषो की तुलना में महिलाओं को यौन रोग की समस्या ज्यादा होते है। यही कारण है कि महिलाओ में पुरुषो से ज्यादा सहनशक्ति होती है।
- यौन उत्तेजना विकार
- यौन इच्छा विकार
- यौन दर्द विकार
- यौन कामोत्तेजना विकार
- योनि का सूखापन
- योनि का संकुचन
- इंटरकोर्स के दौरान दर्द (ट्राइकोमोनियासिस)
- मासिक धर्म की समस्या
- असामान्य प्रदर (गोनोरिया)