
Gupt Rog ka Doctor Patna Bihar India
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आधुनिक समय में दुनिया भर के ज़्यादातर पुरुष लोग यही शिकायत करते हैं कि वे शीघ्रपतन से पीड़ित हैं। व्यावहारिक रूप से देखा जाय तो भारत में, हर रोज़ दस से ज़्यादा रोगी केवल शीघ्रपतन की समस्या का इलाज के लिए दुबे क्लिनिक में आते हैं। आख़िर यह शीघ्रपतन क्या बला है और ज़्यादातर लोग इसकी शिकायत क्यों करते हैं? आज विश्व विख्यात आयुर्वेदाचार्य और भारत के सीनियर सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे इस विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इससे यौन रोगियों और उन सभी लोगों को इस गुप्त व यौन रोग की वास्तविकता को समझने में मदद मिलेगी और यह उनके वैवाहिक व व्यक्तिगत जीवन में एक अहम भूमिका निभाएगा।
शीघ्रपतन का इतिहास:
शीघ्रपतन जिसे त्वरित स्खलन के नाम से भी जाना जाता है, का उल्लेख पहली बार 1887 में सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान और उसके साहित्य में किया गया था। 1960 के दशक से पहले, शीघ्रपतन के बारे में या इसके प्रकाशन की कमी थी, 1970 के दशक में इस विषय पर अधिक ध्यान दिया गया और अब आज का समय है जिसमे आधे से अधिक गुप्त व यौन रोगी इस समस्या की शिकायत करते है। सही मायने में, यह पिछले दो दशकों में पूरी तरह से पुरुषों में होने वाला एक जाना-माना गुप्त व यौन विकार बन गया है जिसमे मानसिक व मनोवैज्ञानिक कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आखिर पुरुषों में शीघ्रपतन की शुरुआत कैसे होती है?
हमारे विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ सुनील दुबे बताते है कि आमतौर पर, यह एक सामान्य स्खलन की अवधि के बाद होता है। यह आमतौर पर किसी अन्य समस्या जैसे कि यौन प्रदर्शन की चिंता, सामान्यीकृत चिंता, लम्बे समय तक बना तनाव, स्तंभन दोष या पति-पत्नी में रिश्ते की समस्याओं के कारण होता है। यह तब भी हो सकता है जब व्यक्ति अत्यधिक शराब का सेवन और मनोरंजन के लिए नशीली दवाओं का सेवन करता है। यह सामान्य कारक से शीघ्रपतन की समस्या की शुरुआत हो जाती है।
बहुत सारे लोगो को यह जानना है अगर उन्होंने अपने जीवन में अत्यधिक हस्तमैथुन किया है तो यह समस्या हो सकती है?
डॉ. सुनील दुबे बताते है कि ज्यादातर किसी भी कार्य के लिए अच्छा नहीं होता है। लेकिन यह सत्य है कि अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक हस्तमैथुन करता है तो उसे इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कारण यह है कि व्यक्ति अपने जीवन काल में करीबन 2 से 4 हज़ार बार स्खलन कर सकता है। स्खलन की यह संख्या व्यक्ति दर व्यक्ति थोड़ी-बहुत घट-बढ़ सकती है। यहाँ ज्यादा हस्तमैथुन करने से, पेनिले की तंत्रिका कमजोर हो जाती है जिससे व्यक्ति को नपुंसकता के साथ-साथ शीघ्रपतन की समस्या हो सकती है।
शीघ्रपतन के पीछे का सिद्धांत:
वास्तव में, शीघ्रपतन का होना एक अस्पष्ट कारण को दर्शाता है और यह यौन सह मनोवैज्ञानिक विकार से जुड़ा हुआ समस्या है। पुरुषो में होने वाले इस गुप्त व यौन समस्या से कई सिद्धांत जुड़े हुए हो सकते हैं जैसे कि किशोरावस्था के दौरान पकड़े जाने से बचने के लिए जल्दी-जल्दी हस्तमैथुन करना, अपने साथी के साथ लम्बे समय तक टिकने के लिए प्रदर्शन की चिंता, निष्क्रिय व आक्रामक व्यवहार और बहुत कम संभोग क्रिया में शामिल होना, लेकिन इनमें से किसी भी सिद्धांत का समर्थन करने के लिए कोई भी पुख्ता सबूत मौजूद नहीं हैं।
आम तौर पर, शीघ्रपतन को चार प्रकारों और संभावित कारणों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. आजीवन शीघ्रपतन (जैविक कार्यात्मक गड़बड़ी के कारण, पहले यौन क्रिया से)
2. अर्जित शीघ्रपतन (चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और पारस्परिक कारण के होने पर)
3. परिवर्तनशील शीघ्रपतन (यौन क्रिया के सामान्य रूप के कारण)
4. व्यक्तिपरक शीघ्रपतन (सांस्कृतिक या असामान्य मनोवैज्ञानिक निर्माणों के कारण)
पटना में भारत के टॉप व बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे का मानना हैं कि आज के समय में आधे से ज़्यादा पुरुष आबादी (18 वर्ष से ऊपर) इस शीघ्रपतन गुप्त व यौन समस्या से पीड़ित है। वह दुबे क्लिनिक में हर दिन दस से ज़्यादा केवल शीघ्रपतन से पीड़ित रोगियों का इलाज करते हैं। उनका कहना है कि कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारण हैं जो पुरुषों में होने वाले इस शीघ्रपतन की समस्या के लिए ज़िम्मेवार कारक हैं। वे कहते है कि शीघ्रपतन की समस्या तब भी हो सकता है जब कोई पुरुष बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो जाता है या उसका पेनिले बहुत ज़्यादा संवेदनशील होता है। कुछ मामलों में, यह तब भी हो सकता है जब कोई पुरुष अपने नए साथी के साथ असहज महसूस करता हो।
मनोवैज्ञानिक कारणों में, पुरुष व्यक्ति को अपने प्रदर्शन की बहुत ज्यादा चिंता होती है जिसके कारण; वह अपने नए साथी के साथ होने से घबरा जाता है, यौन क्रियाकलाप के लिए चिंतित व असहज हो जाता है, लंबे समय तक संयम होने के बाद, आत्मविश्वास की कमी होने पर, अपराधबोध की भावना होने पर, अति उत्साहित होने पर या तनाव जैसे अन्य कारण होने पर।
पुरुषों में शीघ्रपतन की रोकथाम के बारे में:
पुरुषों में शीघ्रपतन के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कई वास्तविक समाधान और उपचार उपलब्ध हैं। इन सभी में से आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार, नियमित व्यायाम और मनोवैज्ञानिक यौन परामर्श सबसे अच्छे उपाय हैं। डॉ सुनील दुबे बताते है कि जब व्यक्ति को शीघ्रपतन की समस्या का सामना करना पड़े तो सबसे पहले उसे इसके लिए सहज होना चाहिए। ऑनलाइन व अन्य जानकारी श्रोत में, इससे बचने के लिए सैकड़ो उपाय है लेकिन कारगर कौन है यह तो कोशो दूर है। वे भारत के सीनियर व सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो दुबे क्लिनिक सभी प्रकार के गुप्त व यौन रोगियों का इलाज अपने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से करते है। यह एक प्रमाणित और गुणवत्ता-सिद्ध आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो गुप्त व यौन रोगियों को पूरी तरह से गुणवत्ता-सिद्ध चिकित्सा व उपचार प्रदान करता है। यह क्लिनिक 1965 से अपनी सेवा और उपचार पुरे भारत के साथ अन्य देशों जैसे कि दुबई, खाड़ी देश- बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात, ढाका, व अन्य देशों में प्रदान करते आ रहा है।
डॉ. सुनील दुबे इस शीघ्रपतन के इस समस्या से उबरने के लिए कुछ यौन तकनीकें बताते हैं। स्टार्ट-स्टॉप एक तकनीक है जो व्यवहारिक तकनीक है इससे शीघ्रपतन को धीमा किया जा सकता है। उनकी शोधित आयुर्वेदिक दवाएँ व यौन परामर्श रोगियों के लिए रामबाण हैं जिससे ज़्यादातर लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। अगर आप अपनी संपूर्ण शीघ्रपतन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो दुबे क्लिनिक से अपॉइंटमेंट लें जहाँ आपको 100% सुरक्षित, प्रभावपूर्ण व प्राकृतिक चिकित्सा व उपचार मिलती है।
शुभकामनाओं के साथ:
दुबे क्लिनिक
भारत का एक प्रमाणित आयुर्वेदा व सेक्सोलोजी क्लिनिक
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350-92586
वेन्यू: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना-04